शांतिपूर्ण जनांदोलन की उपेक्षा , अवहेलना और दमन राज्यसत्ता की कार्यशैली बन गई है l..शांतिपूर्ण तरीके से जनांदोलन करने वालो पर दर्जनों झूठे मुक़दमे लादना ,उन्हें बदनाम करना और फूट डालकर उन्हें बेअसर करने करने की नीति के कारण समस्या लगातार गहरा रही है l
कई बार ऐसा लगता है कि सरकार स्वयं चाहती है कि लोग हथियार उठा ले .l..सशस्त्र आंदोलनों को कुचलने में सरकारों को महारत हासिल है .l शांतिपूर्ण जनांदोलनो को विकास विरोधी ,राष्ट्र विरोधी करार देने मे सभी सरकारों का एक सा रवैया रहा है l
शांतिपूर्ण जनांदोलनो के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता से लोगो का धैर्य धीरे - धीरे ख़त्म होता जा रहा है ,,जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है l
বাঙালির সম্পূর্ণ ভূগোল,ইতিহাস,সংস্কৃতি,সাহিত্য, শিল্প,অর্থ,বাণিজ্য,বিশ্বায়ণ,রুখে দাঁড়াবার জেদ, বৌদ্ধময় ঐতিহ্য, অন্ত্যজ ব্রাত্য বহিস্কৃত শরণার্থী জীবন যাপনকে আত্মপরিচয়,চেতনা,মাতৃভাষাকে রাজনৈতিক সীমানা ডিঙিয়ে আবিস্কার করার প্রচেষ্টা এই ব্লগ,আপনার লেখাও চাই কিন্তু,যে স্বজনদের সঙ্গে যোগাযাগ নেই,তাঁদের খোঁজে এই বাস্তুহারা তত্পরতা,যেখবর মীডিয়া ছাপে না, যারা ক্ষমতার, আধিপাত্যের বলি প্রতিনিয়তই,সেই খবর,লেখা পাঠান,খবর দিন এখনই এই ঠিকানায়ঃpalashbiswaskl@gmail.com
Tuesday, May 5, 2015
शांतिपूर्ण जनांदोलन की उपेक्षा , अवहेलना और दमन राज्यसत्ता की कार्यशैली
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