#OccupyUGC
Wait for #HOK KOLOROB as we stand Divided,Let us unite to save Humanity and Nature!
केसरिया सत्ता अब छात्रों को भी नहीं बख्शेगी!
आग बोने वाले को अंगार की फ़सल मिलेगी
नॉन नेट फेलोशिप : छात्र आंदोलन से घबराई सरकार, आंदोलनरत छात्रों पर भीषण लाठीचार्ज
शिक्षा का बाजारीकरण करने पर उतारू केंद्र की मोदी सरकार नॉन नेट फेलोशिप को वापस लेने के…
HASTAKSHEP.COM/HINDI-NEWS/NAT…|BY AMALENDU UPADHYAYA
रोजगार नहीं है,शिक्षा स्मृतिबद्ध,अब शोध का मौका नहीं देगी,यूजूसी छात्र वृत्ति बंद,अब आरक्षण को लेकर लड़ना बंद भी करो!
दोस्तों, पुलिस ने UGC से पचासों शोधार्थियों/स्टूडेंट्स को डिटेन कर कमला नगर थाने में बंद कर रखा है। सैंकड़ो स्टूडेंट्स अभी थाना पहुंच रहे हैं। लड़ाई जारी रहेगी। लाठी से लोग झुकेंगे नहीं।
"Condemn the brutal lathi charge on #OccupyUGC protesters. 20 injured, 40 held, join gherao of Kamla Market Police station now if in Delhi"
नॉन नेट फेलोशिप को वापस लेने के सरकार के फैसले के खिलाफ UGC पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बरसीं लाठियां!क्योंकि शोध वगैरह से संघियों का कोई लेना-देना नहीं होता।
संघ प्रवक्ता के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता बने राम माधव ने कहा है कि 'अगर साहित्यकारों को राजनीति करनी है तो उन्हें घोषित तौर पर राजनीति करनी चाहिए.'
राम माधव जी ये देश में बुद्धिजीवियों की हत्या व बढ़ रही सांप्रदायिक असहिष्णुता के खिलाफ घोषित तौर पर राजनीति है, ये राजनीति और बढ़ेगी, सावधान हो जाओ.
पलाश विश्वास
दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया फिर देखेंगे?-चंचल जी
यूजीसी भवन पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में सत्तर के दशक में बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष चंचल कुमार के विचार :
Chanchal Bhu
छात्रों के अधिकारों में कटौती कर कर के कोइ भी सरकार ज़िंदा नहीं रह सकती । इतिहास गवाह है । आज जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ जो कुछ भी हुआ कल पूरे देश के छात्र जे यन यु के साथ खड़े मिलेंगे ।
दम है कितना दमन में तेरे ,देख लिया फिर देखेंगे ।
लाड़ले तानाशाह, जान बाद में देना, पहले ये बता दे आरक्षण को खतरा किससे है,जो जान की बाजी लगा रहा है?
Please download the videos and see it offline!In new Delhi,#OccupyUGC A sea of protestors has reached Kamla Market Police Station and police has released all of us. Red salute to students' movements.
आशुतोष कुमार ने लिखा हैःसोशल मीडिया से खबर मिल रही है कि यूजीसी पर आज हुए लाठीचार्ज में छात्रसंघ अध्यक्ष सहित कई लड़कियां लड़के बुरी तरह घायल हुए है। खाली हाथ बैठे गीत गा रहे बच्चों से इतना भय? क्या दिल्ली पुलिस के पास बीफ रेड करने और बच्चों पर लाठी भांजने के सिवा कोई काम नहीं रह गया है ?
"जब नाश मनुज पर छाता है / पहले विवेक मर जाता है"
Waiting for #HOK KOLORAB yet again in response!as we stand Divided,Let us unite to save Humanity and Nature!
In seventies we were rooted in ground.We were deep rooted in Indian peasantry.We were not vertically divided and had been engaged in the quest of knowledge.
The latest status,RSS governance of fascism banks on youth and students converted to Bajrangi Brigade which would be allowed to break in foreign embassies including US ,Russian and Arabian embassies sooner or later!
Scientists have joined us.Let it be #HOK Kolorob all the way.Students from South,West and North stand united rock solid.May the East stand detched?Let it be #HOK Kolorob!
Meanwhile,Indian Express reports:
In national interest, scrap quota in higher education institutions: Supreme Court
Emphasising what the apex court held 27 years ago, the bench said it is now "inclined" to convey the same message to the central and state governments over reservation in institutions of higher education.
It is high time,let us unite because quota and reservation disabled in Free Market which divided us.Now Let it be #HOK Kolorob all the way!
युवाशक्ति ही देश,मनुष्यता सभ्यता और प्रकृति को बचा सकती है,छात्रयुवा एकता देश की एकता और अखंडता के लिए अनिवार्य है वरनाः
कोई आश्चर्य नहीं कि कल देश भर के #किसान शहरों के किनारे घर बनाते या फिर#पत्थर तोड़ते नजर आयेंगे। https://t.co/X1ngPAzPN4
हम सत्तर दशक के छात्र हैं और हम मंडल कमंडल की लड़ाई में उलझे नहीं और न हमने आरक्षण या पहचान और धर्म पर ध्यान बंटाया।
इस आलेख के साथ नवारुण दा के बोल हैं वीडियो में जिसे सुनकर देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि इस फर्जी केसरिया सुनामी के आत्मध्वंस के मुकाबले सत्तर दशक क्या और कैसा रहा है।
जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में जो छात्र सड़कों पर उतरे वे जातियों और धर्मों में,राजनीतिक दलों में बिखर गये और देश का छात्रआंदोलन खत्म हो गया।
सत्ता को अब तानाशाही में बदलने के खिलाफ किसी छात्र युवा का खून नहीं उबलता है क्योंकि शिक्षा अब नोट्स है या फिर आब्जेक्टिव प्रश्न।
उच्च शिक्षा और शोध को तिलांजलि दी गयी है।
शिक्षा अब कमोडिटी है।
शिक्षा अब क्रयशक्ति का मामला है अबाध विदेशी पूंजी और विदेशी हितों में चप्पा चप्पा बिके हुए देश में।
शिक्षा अब या तो हिंदुत्व का नरसंहारी एजंडा है या फिर नालेज इकोनामी और आरक्षण का फंडा छात्रो को विकलांग कबंध बनाने का आईपीएल आयोजन है।
छात्र समाज और युवाशक्ति के इसी विखंडन की वजह से यह देश बजरंगियों का अनंत आखेटस्थल बनाये हुए हैंतो युवा और छात्र बी प्रतिक्रियावादी के शिकंजे में हैं जबकि उनका भविष्यअंधकार है और उनके हाथ पांव कटे हुए हैं।
बलात्कार,हत्या,दमन,उत्पीड़न,घृणा,रंगभेद,बेदखली,नरसंहार की राजधानी नई दिल्ली में इसीलिए सत्ता शिक्षा के अधिकार मांग रहे छात्रों पर यह हमला करने की हिम्मत कर पा रही है।
इसके खिलाफ देसभर के छात्र युवा गांव गांव शहर शहर खड़े हो जायें तो हम भी नवारुणदा की तरह चीख कर कह सकते हैंः यह मृत्यु उपत्यका नहीं है।
तानाशाह कभी नहीं जीतता और समूचे देश में फैलता जा रहा है छात्रों का यह आंदोलन।
कंचन जोशी ने लिखा हैः
विकास का पहला सबक RMSA /SSA यानि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के बजट में कटौती करके दिया गया। फिर आई बारी मनरेगा के बजट की। फिर काटा गया समाज कल्याण योजनाओं का बजट। फिर शिक्षा संस्थानों में मंत्री और निदेशक पद पर गैर अकादमिक और सिर्फ चापलूस लोगों को रखने का क्रम शुरू हुआ। और अब उच्च शिक्षा के बजट में कटौती के बाद UGC नॉन नेट फेलोशिप पर रोक। हर रोज किसी एक शहर से साम्प्रदायिक और जातीय हिंसा की खबर। डेली मेल के सर्वे में भारत सर्वाधिक नस्लीय घृणा वाले देशों में शुमार।इसके साथ ही IIT के निदेशकों ने सरकार को चिट्ठी लिखकर मंत्रालय के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण इस्तीफे की मंशा जताई है और वैज्ञानिकों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता जताई है। साहित्यकारों को संस्कृरिकर्मियों को तो खैर सरकार ने दलाल घोषित कर ही दिया है।
खैर विकास जारी है। जारी रहेगा। मुबारक़।
Police lathicharge, detain students as they try to enter office!
A protest by students in the national capital against the UGC's move to scrap non-NET fellowship escalated on Friday and led to police detaining scores of them as they tried to enter the premises of the academic body.
The students, camping outside the University Grants Commission (UGC) office since Wednesday demanding revocation of the move, alleged they were lathicharged and about 100 of them detained when they tried to go inside to meet the officials.
Non-NET fellowship row: Mumbai extends support to 'Occupy UGC' movement
Researchers from various institutes of Mumbai have announced support for their peers in Delhi who are protesting since Tuesday against the University Grants Commission's (UGC) recent decision of discontinuing the non-National Eligibility Test (NET) fellowship.
We, the students of University of Hyderabad, MANUU, TISS and EFLU marched together to UGC regional office in solidarity with the ongoing #occupyUGCmovement led by students in Delhi and registered our protest against the scrapping of non-NET fellowship. Instead of forming a delegation team, we demanded that the Joint Secretary of UGC should come down and address the students directly. Students raised slogans condemning the brahminical and imperialist onslaught on education. Students did not leave the place until Joint Secretary came and met the students. When she finally arrived, Students' Union President handed over the letter to be forwarded to UGC, Delhi and reiterated students' stand that we will not stop protesting until our three demands, #restore, #enhance and #expand non-NET fellowship are met. Not surprisingly, the policemen, right from the beginning, threatened us of "dire consequences" if we raised slogans and created "nuisance". Students gave back police a staunch reply by continuing with the slogans rejecting the police raj! We reiterate our stand that we will continue our protests in the days to come until UGC and MHRD's agenda of privatization and saffronization is overthrown!!
Inquilab Zindabad!!
Students' unity across universities, long live!!
जाग मेरे मन मछंदर jaag mere man machhandar
https://www.youtube.com/watch?v=rEBN3q6A6Zw
This video includes Ei Mrityu Upatyaka Aamar Desh Noi recited by Nabarun Bhattacharya!Miss not!He explains Ritwik and his Film Making!Merger of mediums!He remembers Bengali Creativity with the realist vision.He presents Ritwik in real light!
Bijan Bhattachary said,Ritwik murdered.
Nabarunda explains what killing means!
फेलोशिप छोड़ो / लाठी खाओ
यूजीसी पर आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं पर बर्बर लाठचार्ज | Gorakhpur News Line
20 से अधिक छात्र-छात्राएं बुरी तरह घायल, 50 छात्र-छात्राओं को गिरफ्तार भी किया, विरोध में कमला नगर थाने का घेराव
नवारुण भट्टाचार्य को हिंदी में सुनिये।इस वीडियो में नवारुण दा ने सामाजिक यथार्थ के सौंदर्यबोध का विश्लेषण ऋत्विक के फिलमांकन के परिप्रेक्ष्य में करते हुए बदलाव की लड़ाई की रणनीतियों पर खुलकर चर्चा की।नवारुण दा की दृष्टि में ऋत्विक घटक की फिल्में महाकाव्यात्मक है।
नवारुण दा ने काफ्का की बढ़ती हुई प्रासंगिकता पर भी चर्चा की है।नवारुण दा ने ऋत्विक घटक के साथ जो अंतरंग जीवन यापन किया,उसीसे उन्होंने साहित्य को गुरिल्ला युद्ध का मोर्चा बना दिया।नवारुण दा ने बिजन भट्टाचार्य के नाटक के मंचन के दौरान लाइटिंग का काम जबरन भी किया और अपनी फिल्म में वे कैमरे का काम भी ज्यादातर करते थे,जिसका श्रेयलूटने के बजाय साथी कैमरे मैन के साथ बांटने वाले ऋत्विक घटक ही थे।
नवारुणदा की आवाज सुन रहा हूं और मुझे लग रहा है कि मेरे आमने सामने सिर्प नवारुण दा हैं और उनकी मौत की खबर सरासर झूठ है।
आज का यथार्थ यही है।
JNU HIRAWAL हम तोहसे पूछी ला जुल्मी सिपहिया
जेएनयु में हिरावल पटना के कलाकार प्रस्तुति : वेद प्रकाश
https://www.facebook.com/ActivistVed
कल देर रात दिलीप खान ने स्टेटस में लिखाः
दोस्तों, पुलिस ने UGC से पचासों शोधार्थियों/स्टूडेंट्स को डिटेन कर कमला नगर थाने में बंद कर रखा है। सैंकड़ो स्टूडेंट्स अभी थाना पहुंच रहे हैं। लड़ाई जारी रहेगी। लाठी से लोग झुकेंगे नहीं।
दिलीप खान ने यह भी लिखा हैः
आंदोलन में साथ हैं और रहेंगे। आप मेरे सलाहकार तो नहीं है कि मैं आपकी बात मानने को बाध्य होऊं!! स्मृति ईरानी को सलाह दीजिए जाकर। वैसे भी शोध वगैरह से संघियों का कोई लेना-देना नहीं होता।
हम दिलीप खान की इसअपील का पुरजोर समर्थन करते हैंः
तो भक्तों देख लिया? ये सरकार पढ़ने-लिखने की संस्कृति के कितने विरोध में है? शोध की मांग पर ये डंडा चलवाती है। 20 हेलीकॉप्टर से बिहार में मंत्री लोग रोज़ चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन M.Phil, Ph.D वालों को शोध के लिए पैसे नहीं देगी।
और भक्ति करोगे तो आगे से सारे सरकारी विश्वविद्यालय ही बंद कर देगी।
अभी भी मौक़ा है। लड़ो। भक्ति छोड़ो।
उज्जवल भट्टाचार्य की वॉल से साभार -जेएनयू आंदोलन की ताज़ा खबर-
अभी-अभी फ़ोन पर छात्र संघ उपाध्यक्ष शेहला से बात हुई. सभी गिरफ़्तार छात्र-छात्रायें कमला मार्केट थाने में हैं. पत्रकार अखिल, विद्या नाम की एक छात्रा, व डीयू के छात्र आसिफ़(?) को गंभीर रूप से चोटें पहुंची है. शायद जान का खतरा नहीं है. पांच-छः अन्य छात्रायें भी बुरी तरह घायल हैं. इसके अलावा कई दर्जन छात्र. छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए सैकड़ों अध्यापक सहित हज़ार से ऊपर छात्र थाने में पहुंच चुके हैं.
इस बात की भी जांच होनी चाहिये कि शांतिपूर्ण छात्र धरने पर इस प्रकार के हिंसक लाठी चार्ज के लिये कौन ज़िम्मेदार रहा है ? क्या यह फ़ैसला राजनीतिक स्तर पर लिया गया ? इस लाठी चार्ज के बाद अगले दिनों में दिल्ली में व उससे परे तक छात्र जगत में एक भीषण अशांति का ख़तरा कहीं अधिक बढ़ गया है.
BN Singh लाठियां चलाये सरकार छात्रों पर, तो क्या अभिभावक उन्हें अकेला छोड़ दें? साथ खड़े तो सबको होना चाहिए न्याय के के लिए लड़ते नौजवानो के साथ।
UGC पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बरसीं लाठियां - Navbharat Times
नॉन नेट फेलोशिप को वापस लेने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे छात्र मंगलवार को...
NOW INDIAN SCIENTISTS RAISE ALARM OVER RISING INTOLERANCE; ASK PRESIDENT TO ACT
Indian writers stage silent protests against the killing of writers and rising intolerance in New Delhi A highly polarized community is like a nuclear bomb…
नॉन नेट फेलोशिप को वापस लेने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे छात्रों को हटाने के लिए पुलिस ने निर्मम लाठीचार्ज किया।
Girija Pathak shared a link.
1 hr ·
"Condemn the brutal lathi charge on #OccupyUGC protesters. 20 injured, 40 held, join gherao of Kamla Market Police station now if in Delhi"
TWITTER.COM|BY KAVITA KRISHNAN
The barbarism of police is unacceptable.
Who order them?
Must be held accountable.
US Sharma i-
जिस सरकार को भूतपूर्व सैनिको पे लाठीचार्ज करवाने में शर्म नहीं आयी
उस से आप छात्रो पर किये गए अत्याचार का हिसाब पूछ रहे हो?
सठिया तो नहीं गए हो बन्धु ?
Ujjwal Bhattacharya मेरी उम्र तो साठ हो चुकी है, लेकिन रहमान भाई नौजवान हैं.
Prasad Suresh
आरक्षण को लेकर सरकार के मदर ऑर्गनाइजेशन की बहुत आलोचना हुई तो कान दूसरी तरह से पकड़ लिया ...शोध छात्रवृति को ही बंद करवा दिया ...न पढाई-लिखाई कर पायोगे और न ही आरक्षण मांगोगे ....इस बार सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी !! बोलो मनु महाराज कि जय !!
आग बोने वाले को अंगार की फ़सल मिलेगी
मशहूर पत्रकार भाई दिलीप मंडल ने लिखा है फेसबुक वाल परः
स्टूडेंट्स को फेलोशिप कहां मिल रही थी?
- सरकारी विश्वविद्यालयों में.
कोटा यानी आरक्षण कहां लागू है?
- सरकारी विश्वविद्यालयों में.
एससी, एसटी, ओबीसी के 50% से ज्यादा स्टूडेंट्स कहां हैं?
- सरकारी विश्वविद्यालयों में.
फेलोशिप बंद होने से सबसे ज्यादा नुकसान किसे होगा और किसकी पढ़ाई रुकेगी?
- अब यह भी मुझे बताना होगा? सोचकर देखिए.
और ऊपर से मोदी जी का रोज-रोज का क्लेम कि दलितों पिछड़ों का कितना विकास कर रहे है! छोडिए भी. कितना विकास करेंगे? सबको जीने दीजिए.
अरावली पर्वत श्रृंखला के आखिरी छोर पर बने जेएनयू की लाल पथरीली बलुआ मिट्टी में कुछ तो खास है. इन दिनों यहां के हजारों छात्र और छात्राएं, देश भर के विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट्स के सहयोग से, शोध छात्रों की फेलोशिप बचाने के संघर्ष में जुटी हैं. यह फेलोशिप केंद्र सरकार के जबड़े में फंसी है. वे हर दिन यूजीसी का घेराव कर रही हैं. उनकी मांग यह भी है कि फेलोशिप राज्यों में भी मिले. सरकार लगातार झूठ बोल रही है और दमन में जुटी है.
जो छात्र छात्राएं इस आंदोलन में रात दिन लगी हैं, उनमें कईयों को दूसरी स्कॉलरशिप मिल रही है. उन्हें ये फेलोशिप नहीं मिलने वाली. लेकिन वे भी लड़ रही हैं. पुलिस की लाठियां खा रही हैं, गिरफ्तारियां दे रही हैं. कई के सिर फूटे हैं. उनके लिए यह न्याय का संघर्ष है.
मेरा निजी निवेदन है कि जैसे और जितना बन पड़े, इनका साथ दीजिए. ये बेहतर देश बनाने की लड़ाई है.
गौर करें,दिलीप ने यह भी लिखा हैः
आरक्षण विरोधियों के खिलाफ लड़कर जान बाद में दीजिएगा मोदी जी, फिलहाल तो यह कीजिए कि प्रमोशन में आरक्षण का जो बिल आप डेढ़ साल से दबाकर बैठे हैं, उसे लागू करने के लिए अध्यादेश जारी कीजिए। यह काम आप कल भी कर सकते हैं। और हाँ, आपको बता दिया जाए कि प्रमोशन में आरक्षण "दूसरे धर्म वालों" को नहीं मिलता। सिर्फ एससी और एसटी को मिलता है। मुसलमानों का डर किसी और को दिखाइए।
Himanshu Pandya
#occupyUGC यह लड़ाई तय करेगी कि भविष्य में उच्च शिक्षा और शोध में भारत कुछ सार्थक करेगा या कोर्पोरेट के चंगुल में फंसकर उनकी जी हुजूरी में शिक्षा को लगा देगा.
यह लड़ाई तय करेगी कि समाज के किसी भी रूप में वंचित तबके के ( लडकियां, दलित, किसान, भूमिहीन आदिवासियों के बच्चे ) विद्यार्थी जिनके लिए अभिभावकों पर निर्भरता से मुक्त होकर अपने पांवों पर खडा होना एक उम्र के बाद जरूरी होता है, वे उच्च शिक्षा में बने रहकर इस प्रतिस्पर्धा में टिक पायेंगे या नहीं.
यह लड़ाई तय करेगी कि सामाजिक विज्ञान और मानविकी जैसे विषय , जिनमें किसी निजी प्रायोजक के आगे आने की संभावना बहुत कम होती है , बचे रहेंगे या नहीं. ये विषय - जो समाज को दृष्टि देते हैं, जिसका भौतिक मूल्य आंका नहीं जा सकता.
यह लड़ाई तय करेगी कि विद्यार्थी एक समुदाय के रूप में व्यवस्था को हिला सकता है या नहीं.
यह लड़ाई जीती जानी बहुत जरूरी है !
In the police brutality 15 students badly injured and taken to the hospital. 50 students picked up by the police and beaten even inside the police van. Male Police beat up women students. Police charged at the protesters. Women were beaten up badly by male Police officers individually inside the bus after detention. Women were beaten in the middle of the road. The detained students have been taken to Kamla Market Police Station
http://www.countercurrents.org/dsg271015.htm
H L Dusadh Dusadh
क्या मोदी एंड कं .अपनी हार मान चुकी है .मुझे लगता है 'हाँ '.अगर ऐसा नहीं होता तो वे नितीश-लालू पर यह घटिया आरोप का प्रयास नहीं करते कि वे हिन्दुओं के आरक्षण में कटौती कर मुसलमानों को ५ %आरक्षण देना चाहते हैं,जिसे मैं जीते जी होने नहीं दूंगा.हिन्दू ध्रुवीकरण के लिए क्या आपने इतनी सतही बात कहते सुनी है ?
Urmilesh Urmil
·
आरक्षण-विरोध की आंधी पैदा करने वालों में संघ-शक्तियां किस तरह दिन-रात एक किये हुए थीं? पार्टी के कई नेता और प्रवक्ता तो उस आरक्षण विरोधी आंदोलन की ही देन हैं। अब उसी पार्टी के लोग कह रहे हैं कि आरक्षण के लिये वह अपनी जान तक कुर्बान कर देंगे। कैसी विडम्बना है, मंडल के खिलाफ कमंडल निकालने वाले अब अपने को आरक्षणवादी साबित करना चाहते हैं! सत्ता के लिये वे किस कदर दयनीय नजर आ रहे हैं!
Virendra Yadav ये गोयबल्स के चेले हैं ,झूठ के सौदागर.गणेश मूरत को दूध पिलाने वाले.
Vivekanand Bharat हा हा हा, सर भाजपा किसी भी तरह से बिहार चुनाव हारना नहीं चाहती है। हर दावं लग चुके हैं। पहले दो चरण में लालू पर हमला बेकार गया! नीतीश के खिलाफ बोलने के लिए ज्यादा कुछ है नहीं क्योंकि 8 वर्ष साझीदार रहे हैं। अगड़े वोटों पर पूरा भरोसा है तो आरक्षण कार्ड खेलकर नीतीश कुमार के वोट को लालू से डाइवर्ट करने की कोशिश मात्र है।
Chandra Prakash Jha ' वे ' पिछड़ों को आगे नहीं कर रहे , और बाँट - बाँट पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे ( थे) , टांय -टांय फिस्स हो गया उनका करतब. अब समय नहीं बचा लफ्फाजी का - 'वे ' जानते हैं
"Academics and Scholars protest against Assault on Academic and Constitutional freedom".
We, as social scientists, scholars, teachers and concerned citizens, feel extremely concerned about the lynching at Dadri, and the murders of scholars and thinkers like MM Kalburgi, Narendra Dabholkar, Govind Pansare and others, and wish to register our strong protest.
We are not just shocked by Prime Minister Narendra Modi's late response, but also by the implications of the victim-blaming statement he made. To say that 'Hindus and Muslims should not fight each other but should fight poverty instead' puts the onus for peace and fighting poverty entirely on civil society and communities and absolves the state of any responsibility for both. As Prime Minister, he should have asserted that the state would defend the rule of law.
In a country with some 4693 communities and over 415 living languages, each community is bound to have its own customs, including dietary choices. Individuals may also follow practices different from the ones followed by the majority of their community. Any attempt to impose a uniform belief or practice, on either individuals or communities, is antithetical to the freedom enshrined in the Constitution. It is the state's responsibility to ensure this freedom.
Further, as scholars, we are extremely worried about the implications of these recent developments for our ability to study and write about different life ways, and to critically analyse society, including social phenomena like religion.
1. Achin Vanaik (Retd.) University of Delhi
2. Aditya Mukherjee, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
3. Aditya Sarkar, Warwick University
4. Ajay Dandekar, Shiv Nadar University
5. Ajit Menon, Madras Institute of Development Studies, Chennai
6. Albeena Shakil, Indian Institute of Advanced Studies, Shimla
7. Alito Siquira, University of Goa
8. Amar Farooqui, University of Delhi, Delhi
9. Amar Jesani, Researcher/teacher, Pubic health and Bioethics, Mumbai
10. Amit Bhaduri, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
11. Amita Baviskar, Institute of Economic Growth, Delhi
12. Amman Madan, Azim Premji University, Bangalore
13. Amrita Pande, University of Cape Town
14. Anand Chakravarti, (Retd.), Delhi School of Economics, University of Delhi
15. Anand K. Sahay, Columnist, New Delhi
16. Anjali Bhatia, University of Delhi
17. Ankur Datta, South Asian University
18. Annapurna Shaw, Indian Institute of Management Calcutta
19. Anuj Bhuwania, South Asian University, New Delhi
20. Anuja Agrawal, Delhi School of Economics, University of Delhi
21. Anup Sinha, Indian Institute of Management Calcutta
22. Anurekha Chari Wagh, University of Pune
23. Aparna Basu, (Retd.) University of Delhi
24. Aparna Rayaprol, University of Hyderabad
25. Aparna Sundar,Azim Premji University, Bangalore
26. Aparna Vaidik, Ashoka University, Kundli, Haryana
27. Archana Prasad, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
28. Archana Sahare, JDB Govt. Girls' College, Kota (Rajasthan)
29. Arif Waqif, Jawaharlal Nehru Technological University, Hyderabad
30. Arima Misra, Azim Premji University, Bangalore
31. Arindam Banerjee, Ambedkar University Delhi
32. Arjun Dev (Retd)Professor of History, NCERT
33. Arun Kumar, Retd. Jawaharlal Nehru University, New Delhi
34. Arupjyoti Saikia, Indian Institute of Technology, Guwahati
35. Atulan Guha, IIM Kashipur
36. Babu P. Remesh, IGNOU, New Delhi
37. Badri Narayan, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
38. Balmurli Natarajan, William Paterson University, USA
39. Balveer Arora, Institute of Social Sciences, New Delhi
40. Bhupinder Yadav, Azim Premji University, Bangalore
41. Birinder Pal Singh, Punjabi University, Patiala
42. C T Kurien, formerly of Madras Institute of Development Studies, Chennai.
43. C. Lakshmanan, Madras Institute of Development Studies, Chennai
44. Carol Upadhya, National Institute of Advanced Study, Bangalore
45. Chandan Gowda, Azim Premji University, Bangalore
46. Chandra Chari, The Book Review, New Delhi
47. Chayanika Shah, Somaiya College of Science and Commerce, Mumbai
48. Chirashree Das Gupta, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
49. Chitra Joshi, Indraprastha College for Women, University of Delhi
50. D N Dhanagare, former National Fellow, Indian Institute of Advanced Study, Shimla
51. D. R. Sahu, University of Lucknow
52. D.Nrasimha Reddy, Rtd. University of Hyderabad.
53. Debarshi Das, IIT Guwahati
54. Debashis Ghoshal, School of Physical Sciences, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
55. Debashish Bhattacherjee, Indian Institute of Management Calcutta
56. Deepak Kumar, Punjabi University, Patiala
57. Deepak Mehta, University of Delhi
58. Dia Da Costa, University of Alberta, Canada
59. Dilip M Menon, University of Witwatersrand, Johannesburg, South Africa
60. Dinesh Abrol, ISID, New Delhi
61. Divya Vaid, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
62. Dr. S.V. Nadkarni, Ex. Dean L.T.M. Med. College, Mumbai,
63. Dulali Nag, Indian Institute for Social Welfare and Business Management, Kolkata
64. Farhana Ibrahim, Indian Institute of Technology - Delhi
65. G. Srinivas, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
66. Gayatri Menon, Azim Premji University, Bangalore
67. Geet Lamba, Government College, Moonak, Punjab
68. Geeta Kapur, Art Critic, New Delhi
69. Geetha Nambissan, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
70. Girish Mishra, Author, Columnist and Teacher, New Delhi
71. Gita Chadha, University of Mumbai
72. Gopalji Pradhan, Ambedkar University Delhi
73. Gopesh Talukdar, IISWBM, Kolkata
74. Gyan Pandey, Emory University, USA
75. Harbans Mukhia, (Retd ), Jawaharlal Nehru University, New Delhi
76. Harinder Kaur, Punjabi University, Patiala
77. Hira Singh, York University, Canada
78. Imtiaz Ahmad, (Retd) Jawaharlal Nehru University, New Delhi
79. Indira Chandrasekhar, Publisher, Tulika Books, New Delhi
80. Indra Munshi, (Retd.) University of Mumbai
81. Indrapramit Roy, Artist, Baroda.
82. Jaiwanti Dimri, H.P. University, Shimla
83. Janaki Abraham, Delhi School of Economics, University of Delhi
84. Jasmeen Kaur, Punjabi University, Patiala
85. Jesim Pais, Institute for Studies in Industrial Development, New Delhi
86. Johannes Manjrekar, M.S. University of Baroda
87. John Paul, Pondicherry University
88. Jyothsna Belliappa, Azim Premji University, Bangalore
89. Kalpana Kannabiran, Centre for Social Development, Hyderabad
90. Kamala Ganesh,( Retd.) University of Mumbai
91. Kamei Aphun, Delhi School of Economics, University of Delhi
92. Kushal Deb, IIT Bombay
93. Lakshmi Subramaniam, Centre for Studies in Social Sciences, Kolkata
94. Leena Abraham, TISS, Mumbai.
95. Madhumati Dutta, IIESTS, Howrah (WB)
96. Madhura Swaminathan, Indian Statistical Institute, Bangalore
97. Mahesh Sarma, Independent Researcher, New Delhi
98. Mahuya Bandyopadhyay, University of Delhi
99. Maitrayee Chaudhary, Jawaharlal Nehru University
100. Mani Inderpal Singh, University College, Miranpur (Distt. Patiala)
101. Manish Jain, Ambedkar University Delhi
102. Manisha Sethi, Jamia Millia Islamia
103. Manjeet Singh, Government College, Jind, Haryana
104. Manoranjan Mohanty, (Retd) University of Delhi
105. Manpreet Kaur, Lovely University, Jalandhar, Punjab
106. Mariam Dossal, (Retd.) University of Mumbai
107. Mary E. John, Centre for Women's Development studies, New Delhi
108. Maya Rao, Shiv Nadar University, Uttar Pradesh
109. Meena Gopal, Tata Institute of Social Sciences, Mumbai
110. Meena Radhakrishna, formerly of Delhi School of Economics,University of Delhi
111. Meher Engineer, independent scientist, Kolkata
112. Mohan Rao, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
113. Mridula Mukherjee, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
114. Mritiunjoy Mohanty, Indian Institute of Management Calcutta
115. Mushirul Hasan, former Vice Chancellor, Jamia Millia Islamia, New Delhi
116. Nalini Nayak, PGDAV (M) College, Delhi University
117. Namrata Vadhera, Punjabi University, Patiala
118. Nandini Manjrekar, TISS , Mumbai
119. Nandini Sundar, Delhi School of Economics, University of Delhi
120. Narendra Panjwani, formerly at St. Xavier's College, Mumbai
121. Narinder Singh, Punjabi University, Patiala
122. Nasir Tyabji, formerly of Jamia Millia Islamia, New Delhi
123. Nasreen Fazalbhoy, (Retd) University of Mumbai.
124. Navdeep Mathur, Indian Institute of Management, Ahmedabad
125. Nayanika Mathur, University of Cambridge
126. Neeladri Bhattacharya, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
127. Neera Chandhoke, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
128. Neetha N., Centre for Women's Development Studies, New Delhi
129. Neshat Quaiser, Jamia Millia Islamia, New Delhi
130. Nilika Mehrotra, Jawaharlal Nehru University
131. Nirmal Sengupta, Institute of Advanced Studies, Shimla
132. Nissim Mannathukkaren, Jawaharlal Nehru University
133. Padma Prakash, Director, esocialsciences
134. Padma Velaskar, Tata Institute of Social Sciences, Mumbai.
135. Parimal Ghosh, (Retd.) University of Calcutta.
136. Partho Datta, Zakir Husain Delhi Evening College, University of Delhi
137. Parveen Jha, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
138. Patricia Uberoi, (Retd.) Institute of Economic Growth, Delhi
139. Pratiksha Baxi, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
140. Pratyush, Sarwahara newspaper, Delhi
141. Praveen Jha, Jawharlal Nehru University, New Delhi
142. Probal Dasgupta, Linguistic Research Unit, Indian Statistical Institute, Kolkata
143. Pulin Nayak, (Retd) Delhi School of Economics, University of Delhi
144. Purendra Prasad, University of Hyderabad
145. R Nagaraj, Indira Gandhi Institute of Development Research, Mumbai.
146. R. Siva Prasad, Central University, Hyderabad
147. Rachna Dhingra Coordinator International Campaign for Justice in Bhopal
148. Radhika Chopra, Delhi School of Economics, University of Delhi
149. Radhika Gupta, Max Planck Institute, Göttingen
150. Radhika Mongia, York University, Canada
151. Radhika Singha, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
152. Rajan Barrett, MS University of Baroda
153. Rajat Datta, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
154. Rajesh Kamble, University of Mumbai
155. Rajni Palriwala, Delhi School of Economics, University of Delhi
156. Raka Ray, University of California at Berkeley, USA
157. Rama Baru, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
158. Ranabir Chakravarti, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
159. Rashmi Doraiswamy, Jamia Millia Islamia, New Delhi
160. Ratna Raman, Sri Venkateshwara College, University of Delhi
161. Ravi Duggal, Public Health Researcher, Anusandhan Trust, Mumbai
162. Ravi Kumar, South Asian University, New Delhi
163. Ravi Shukla, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
164. Ravi Sundaram, Centre for the Study of Developing Societies
165. Ravinder Kaur, Indian Institute of Technology-Delhi
166. Ravinder Singh, Punjabi University, Patiala
167. Reema Bhatia, University of Delhi
168. Rekha Basu, University of Delhi,
169. Renny Thomas, University of Delhi
170. Riddhi Shah, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
171. Rita Brara, Delhi School of Economics, University of Delhi
172. Ritajyoti Bandyopadhyay, Centre for Studies in Social Sciences, Calcutta
173. Ritu Dewan, formerly at University of Mumbai
174. Roma Chatterji, Delhi School of Economics, University of Delhi
175. Romila Thapar, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
176. Ruchi Chaturvedi, University of Cape Town
177. Rudolf Heredia, Independent Researcher, Mumbai
178. Rukmini Sen, Ambedkar University Delhi
179. S.B. Upadhyay, IGNOU, New Delhi
180. Sadhana Natu, Department of Psychology, Modern College, Pune University
181. Sajal Lahiri, Southern Illinois University, USA
182. Sajni Mukherji, Jadavpur University, West Bengal
183. Sakshi Khurana, V. V. Giri National Labour Institute
184. Sanjay Srivastava, Institute of Economic Growth
185. Sasheej Hegde, University of Hyderabad
186. Satendra Kumar, Lucknow
187. Satinath Sarangi Member Bhopal Group for Information & Action, Bhopal
188. Satish Deshpande, Delhi School of Economics, University of Delhi
189. Savyasaachi, Jamia Millia Islamia, New Delhi
190. Shail Mayaram, CSDS, Delhi
191. Shalini Grover, Institute of Economic Growth, Delhi
192. Shamsul Islam, Author/Dramatist, formerly of University of Delhi
193. Sharada Srinivasan, National Institute of Advanced Studies, Bangalore
194. Sheena Jain, formerly at Jamia Millia Islamia, New Delhi
195. Shilpa Phadke, Tata Institute of Social Sciences- Mumbai
196. Shivaji Panikkar, Ambedkar University Delhi
197. Shivali Tukdeo, National Institute of Advanced Studies (NIAS), Bangalore
198. Shruti Tambe, Savitribai Phule Pune University, Pune
199. Soumyen Sikdar, Indian Institute of Management Calcutta
200. Sreekala.E, Pondicherry University
201. Sreemati Chakrabarti, Department of East Asian Studies, University of Delhi
202. Sripad Motiram, University of Massachusetts, USA
203. Subir Rana, National Institute Of Advanced Studies, Bengaluru
204. Sucheta Mahahan, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
205. Sudha Vasan, Delhi School of Economics, University of Delhi
206. Sujata Patel, University of Hyderabad
207. Sumanta Banerjee, Independent researcher, Hyderabad
208. Sumit Sarkar, (Retd) University of Delhi
209. Suneet Chopra, Art Critic and Writer, New Delhi
210. Superna Jindal, Punjabi University, Patiala
211. Surajit Mazumdar, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
212. Surinder S. Jodhka, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
213. Susan Visvanathan, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
214. Sushil Khanna, Indian Institute of Management Calcutta
215. Svati Shah, University of Massachusetts, USA
216. Syed Ali Nadeem Rezavi, Aligarh Muslim University, Aligarh
217. Tapati Talukdar, formerly at Rabindra Bharati University, Kolkata
218. T. N. Madan, Institute of Economic Growth, Delhi
219. Tanika Sarkar, (Retd) Jawaharlal Nehru University, New Delhi
220. Tanweer Fazal, Jamia Millia Islamia, New Delhi
221. Tapan Basu, University of Delhi
222. Tejaswini Niranjana, TISS, Mumbai
223. Tejinder Pal Singh, University College, Miranpur (Distt. Patiala)
224. Tina Chakravarty, Sophia College, Mumbai.
225. Tiplut Nongbri, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
226. Tulsi Patel, Delhi School of Economics, University of Delhi
227. Ujjwala Mhatre, Researcher and Writer, Mumbai
228. Uma Iyengar, The Book Review , New Delhi
229. Uma Das Gupta, Independent scholar, Kolkata.
230. Urfat Anjem Mir, Ambedkar University Delhi
231. Utsa Patnaik, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
232. V. Sujatha, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
233. Valerian Rodrigues, National Fellow - ICSSR, Mangalore
234. Vasavi, A. R., Bangalore
235. Vasundhara Bhojvaid, University of Delhi
236. Veena Naregal, Institute of Economic Growth, Delhi
237. Venkatesh Athreya, formerly of Bharathidasan University, Tiruchirapalli (TN)
238. Vidhu Verma, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
239. Vijay Prashad, Chief Editor, LeftWord Books
240. Vikas Maniar, Azim Premji University, Bangalore
241. Vincent Ekka, Jawaharlal Nehru University, New Delhi
242. Vinita Bhatia, St. Xavier's College, Mumbai
243. Vinod Vyasulu, Formerly at Institute for Social and Economic Change, Bangalore
244. Virginius Xaxa, Tata Institute of Social Sciences– Guwahati
245. Vivan Sundaram, Artist, New Delhi
246. Walter Fernandes, North Eastern Social Research Centre, Guwahati
247. Xonzoi Barbora, Tata Institute of Social Sciences- Guwahati
248. Yasmeen Arif, University of Delhi
249. Yasmeen Lukmani, (Retd.) University of Mumbai
250. Zoya Hasan, National Fellow, ICSSR.
October 26, 2015
अब असहिष्णुता के खिलाफ आगे आए वैज्ञानिक
कन्नड़ विचारक एमएम कलबुर्गी की हत्या सहित असहिष्णुता की घटनाओं पर चिंता जताते हुए वैज्ञानिकों के एक समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उपयुक्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकारों से मानवता विरोधी और सभ्यता विरोधी गतिविधियों के…
श्री संतोष खरे ने लौटाया मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी का शरद जोशी सम्मान
साथियो ,
मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष मंडल के सदस्य और वरिष्ठ लेखक श्री संतोष खरे ने मध्य प्रदेश शासन की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करने वाली हस्तक्षेपकारी नीतियों के विरोध में और सम्मान व पुरस्कार लौटाने वाले तथा असहिष्णुता के प्रतिरोध में आगे आये लेखक साथियों के साथ अपनी आवाज़ मिलाते हुए उन्हें दिया गया शरद जोशी सम्मान, प्रतीक चिह्न तथा राशि समेत लौटा दिया है। हम प्रलेस की ओर से उनके इस कदम की सराहना करते हैं और विश्वास प्रकट करते हैं कि अन्य लेखक साथी भी कलाकारों और लेखकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के साथ ही देश में दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, और आम मेहनतकश लोगों पर बेतहाशा बढ़ते ज़ुल्मों के खिलाफ अपने-अपने तरीकों से संगठित होकर आवाज़ उठाएंगे और देश में उभर रही फासीवादी प्रवृत्तियों को माकूल जवाब देकर हमारे समाज के उदात्त मानवीय मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे।
संलग्न है उनका वक्तव्य।
- विनीत तिवारी
महासचिव, मध्य प्रदेश प्रगतिशील संघ
Sunny Kumar added 4 new photos.
Mohd Asif, DU AISA activist, severely injured has not been taken to hospital. Police is simply refusing. Comrades arrested with him are treating him
वैज्ञानिकों के एक समूह ने कन्नड़ लेखक एम.एम. कलबुर्गी की हत्या और पिछले दिनों हुईं कुछ सांप्रदायिक घटनाओं पर राष्ट्रपति से कार्रवाई करने की गुजारिश की है। पढ़ें:
ध्रुवीकृत समुदाय परमाणु बम की तरह, कभी भी फट सकता है: वैज्ञानिक
Kiritkumar Pravasi and Milind Dhumale shared a link.
मीसा का करारा जवाब: पहले अपनी मां और पत्नी को सेट करें मोदी
राजद की नेता मीसा भारती ने पीएम मोदी को करारा जवाब देते हुए कहा है कि पहले वह अपनी मां और पत्नी को 'सेट' करें. मीसा ने कहा कि पीएम मोदी ने सेट करने की बात कह कर…
Sangwari perform at #OccupyUGC! !
यूजीसी के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्रों की लाइव तस्वीर... शोधवृति को बंद करने के खिलाफ हो रहा है आंदोलन…
UGC के शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ श्रीनगर (गढ़वाल) आइसा का विरोध..
In pictures: Police lathicharge and detain protesting #OccupyUGC students
Students claim that the assault was so severe, at least 15 protestors are in hospital.
Scroll Staff · Today · 08:05 pm
Photo Credit: Akhil Kumar/Facebook
4.6K
Total Views
On Tuesday evening, the Delhi Police lathicharged on students who have been agitating outside the University Grants Commission office since last Wednesday to protest against the scrapping of so-called non-NET fellowships by the apex body.
These fellowships were allowed approximately 35,000 students to pursue their M.Phil and Ph.Ds programmes in central universities across the country. These fellowships, which are not based on the National Eligibility Test, the exam that qualifies candidates to be lecturers, give researchers Rs 5,000-Rs 8,000 each month with some contingency grants.
Even as the Ministry of Human Resources Development clarified that it will continue the fellowships and constitute a committee to decide the future of these grants, the students have been demanding that the fellowships be continued without any conditions and the stipends be linked to prevailing inflation rates.
The protesting students were lathicharged near the ITO Metro Station around 6 pm before an as-yet undetermined number were taken in vans to Kamla Market Police Station. According to students at the site, more than 100 policemen chased protesters in an operation that continued for at least 10 minutes.
Around 15 protesters have been severely injured and taken to the hospital, the students said. They alleged that the police beat up students in the bus that was transporting them to the station.
A photo journalist named Akhil Kumar was also reported to have been beaten up. He suffered injuries on his face and student activists reported that the police tried to snatch his camera.
Jawaharlal National University's Student Union vice president Shehla Rashid was among those who were detained. Rashid condemned the crackdown, but said that the protesters will be back with "even larger number".
"We condemn the brutal lathi-charge on students, especially women protestors who were occupying the ITO Metro Station gate," she said. "It's shameful that the government and UGC are not hearing the genuine demands of students and turning an academic issue into a pitted battle between students and police. We will not let this action break our spirit. We appeal to students from all over the country to rush to Delhi and join the movement here. We will come in even larger numbers and reclaim our right to education."
Here are some pictures of the crackdown.
Late on Tuesday evening, about 30 teachers at Jawaharlal Nehru University and Delhi University issued a statement condemning the lathicharge. They said:
"As faculty and students who stand together with the students protesting the revocation/review of the UGC non-NET fellowship, we are outraged at the brutal police action against students gathered in a protest demonstration since yesterday, without a single convincing response from the UGC or the MHRD that could allay the anxieties of thousands of students across India that the non-NET fellowship will not be discontinued. Prevarication on this basic demand by press releases announcing the setting up of a review committee has only indicated a malafide intent.
We are deeply dismayed to hear of the reports of significant injuries to unarmed protestors and the detention of a number of students by the police. We demand the immediate release of all the detainees and the provision of medical aid. The MHRD Minister and the UGC Chairperson should understand that the situation can only be defused by their unequivocal assurance to the academic community that there shall be no rollback or any other amendment of the eligibility of students for the UGC Non-NET Fellowship scheme for the universities that are already in receipt of these fellowships in this or future academic years. Furthermore, it should take positive and visible steps to meet students demands for an enhancement of fellowship remuneration and undertake to extend this fellowship scheme to state universities as well."
We welcome your comments at letters@scroll.in
No comments:
Post a Comment