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বাঙালির সম্পূর্ণ ভূগোল,ইতিহাস,সংস্কৃতি,সাহিত্য, শিল্প,অর্থ,বাণিজ্য,বিশ্বায়ণ,রুখে দাঁড়াবার জেদ, বৌদ্ধময় ঐতিহ্য, অন্ত্যজ ব্রাত্য বহিস্কৃত শরণার্থী জীবন যাপনকে আত্মপরিচয়,চেতনা,মাতৃভাষাকে রাজনৈতিক সীমানা ডিঙিয়ে আবিস্কার করার প্রচেষ্টা এই ব্লগ,আপনার লেখাও চাই কিন্তু,যে স্বজনদের সঙ্গে যোগাযাগ নেই,তাঁদের খোঁজে এই বাস্তুহারা তত্পরতা,যেখবর মীডিয়া ছাপে না, যারা ক্ষমতার, আধিপাত্যের বলি প্রতিনিয়তই,সেই খবর,লেখা পাঠান,খবর দিন এখনই এই ঠিকানায়ঃpalashbiswaskl@gmail.com
नैनीताल का नन्दादेवी मेला एक और मायने में विलक्षण है। यहाँ आरती के अवसर पर भी कोई न कोई मुख्य अतिथि होता है, जो प्रायः कोई नौकरशाह, जज या नेता होता है। इस रायसाहबी दृष्टिकोण के चलते याद नहीं आ रहा है कि कभी ब्रजेन्द्र लाल शाह, बी एम साह, शेरदा 'अनपढ़' या गिरदा जैसे किसी संस्कृति पुरुष को सम्मानित किया गया हो। ताज्जुब नहीं कि सालों साल अपव्यय और आडम्बर में डूब रहा यह पुरातन मेला इस साल रामसेवक सभा और नगरपालिका के बीच दुकानों की कमाई की खींचतान के चलते जगहँसाई का कारण बन रहा है .....
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